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Pew Research Survey: प्यू रिसर्च सेंटर की तरफ से किए गए एक ग्लोबल सर्वे में एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि धर्मांतरण एक ग्लोबल मुद्दा बन चुका है. यह विशेष रूप से ईसाई और बौद्ध धर्मों में सबसे अधिक देखा जा रहा है. प्यू रिसर्च ने 36 देशों के 80,000 से ज्यादा लोगों पर एक स्टडी की. उन्होंने पाया कि कई विकसित देशों में लोग तेजी से अपने जन्मजात धर्म को छोड़कर नास्तिकता या अन्य धर्मों को अपना रहे हैं.

प्यू रिसर्च सर्वे के अनुसार, भारत और बांग्लादेश जैसे देशों में हिंदू और मुसलमानों में धर्म परिवर्तन की दर बेहद कम है. भारत में लगभग 99% हिंदू अपने जन्मजात धर्म पर स्थिर हैं, जबकि अमेरिका, श्रीलंका जैसे देशों में कुछ अपवाद देखने को मिले हैं.

अमेरिका में सबसे ज्यादा हिंदुओं ने छोड़ा अपना धर्म
भारत में जहां धर्मांतरण की दर नगण्य है, वहीं अमेरिका जैसे देशों में प्रवासी हिंदुओं में 18% लोगों ने अपना जन्मजात धर्म छोड़ दिया है. इनमें से अधिकांश लोग अब नास्तिक हो चुके हैं या फिर ईसाई धर्म अपना चुके हैं. श्रीलंका में यह आंकड़ा 11% है. वहां के कुछ हिंदू समुदायों ने भी ईसाई धर्म की ओर रुख किया है. हालांकि ये आंकड़े ईसाई और बौद्ध समुदायों की तुलना में अब भी काफी कम हैं.

ईसाई और बौद्ध धर्म में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन
सर्वे में यह भी सामने आया कि ईसाई समुदाय में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन हो रहा है, खासकर पश्चिमी देशों में. स्पेन में 36 फीसदी ईसाई युवाअवस्था में अपना धर्म छोड़ चुके हैं. अमेरिका में ये आंकड़ा 22 फीसदी है. ब्रिटेन और फ्रांस में 28 फीसदी, कनाडा में 29 और जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन में लगभग 30 फीसदी लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं. इनमें से अधिकांश अब खुद को “नास्तिक” या “धार्मिक रूप से अनिर्धारित” मानते हैं. इसके विपरीत, इन देशों में नए लोगों का ईसाई धर्म में शामिल होना बेहद कम है, जिससे ईसाई धर्म की जनसंख्या में कमी देखी जा रही है.

बौद्ध धर्म भी पीछे नहीं
बौद्ध धर्म, जिसे अक्सर शांति और आत्मज्ञान का प्रतीक माना जाता है, साउथ कोरिया और जापान जैसे देशों में तीव्र गिरावट देख रहा है. दक्षिण कोरिया में लगभग 50% लोग adulthood के बाद अपने धर्म से नाता तोड़ देते हैं. जापान में  धार्मिक आस्था और सक्रियता दोनों में कमी देखी गई है. यह गिरावट बौद्ध धर्म की आध्यात्मिकता की नई पीढ़ी में पकड़ कमजोर होने का संकेत देती है.

भारत और बांग्लादेश: धार्मिक स्थिरता के केंद्र
भारत और बांग्लादेश में हुए सर्वे के अनुसार यहां धार्मिक स्थिरता सबसे अधिक है. यहां 99% हिंदू और मुसलमान अपने जन्मजात धर्म पर बने हुए हैं. यह धार्मिक संस्कृति की मजबूती, पारिवारिक मूल्यों और धार्मिक समाजिक ढांचे का प्रतीक है. सर्वे में यह भी पता चला कि जो लोग अपने धर्म को छोड़ते हैं, वे सामान्यत युवा होते हैं, शिक्षित होते हैं और उनमें पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है.

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