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अमेरिकी टैरिफ वॉर में भारत को फायदा होते देख जल गया ड्रैगन! क्या चीन के इशारे पर हुआ पहलगाम अटैक?

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अमेरिकी टैरिफ वॉर में भारत को फायदा होते देख जल गया ड्रैगन! क्या चीन के इशारे पर हुआ पहलगाम अटैक?

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक और खतरनाक पहलू सामने आया है. न्यूज18 की रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पाकिस्तान में अपने आकाओं से बात करने के लिए चीनी ऐप और डिवाइस का इस्तेमाल किया था. 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद से ये ऐप और डिवाइस भारत में प्रतिबंधित हैं.

माना जा रहा है कि टैरिफ वॉर में खुद को नुकसान से बचाने के लिए भी चीन ने इस हमले में पाकिस्तान की है. राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने चीन को लेकर सख्त रुख अपनाया हुआ है. 

रिपोर्ट में हुआ ये बड़ा खुलासा

रिपोर्ट के मुताबिक, जिस इलाके में हमला हुआ, वहां एक चीनी सैटेलाइट फोन भी पाया गया था. इस हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस पहलू की भी जांच कर रही है. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, आतंकवादियों ने जो सैटेलाइट फोन इस्तेमाल किया, वह हुवावे कंपनी का था. यह फोन भारत में प्रतिबंधित है इसलिए इसे पाकिस्तान या किसी अन्य देश से तस्करी करके भारत में लाया गया था. अधिकारियों के अनुसार, वे सैटेलाइट फोन का पता लगाने के लिए पश्चिमी देशों से तकनीकी जानकारी और सहायता प्राप्त कर रहे हैं.

US ने बढ़ा दिया है टैरिफ 

अमेरिका ने चीन से आने वाली चीजों पर टैक्स (टैरिफ) बढ़ाकर 145% कर दिया है. यह बदलाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए आदेश के तहत हुआ है, जिसमें चीन से आयातित सस्ते पैकेजों पर अतिरिक्त टैक्स लगाया गया है. कुछ देशों से आयातित वस्तुओं पर नए टैक्स को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है. हालांकि चीन से आयातित वस्तुओं पर नए टैक्स को बढ़ाकर 125% कर दिया गया है. यह बढ़ोतरी उस 20% टैक्स के अलावा है, जो साल की शुरुआत में फेंटेनाइल नामक ड्रग्स की सप्लाई में चीन की भूमिका के कारण लगाया गया था. इस्पात और एल्युमीनियम जैसी चीजों, साथ ही ऑटोमोबाइल पर ट्रंप ने अलग से 25% टैक्स लगाया था, और वे इस नए आदेश से बाहर हैं.

चीन को सता रहा है ये डर 

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण एप्पल और टेस्ला अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और अब वे भारत को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं. इसी वजह से, अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला भारत में अपना प्लांट लगाने के लिए जमीन ढूंढ रही है. इसके लिए महाराष्ट्र राज्य उसकी प्राथमिकता में है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने टेस्ला को पुणे के पास चाकन और चिखली जैसे इलाकों में जमीन की पेशकश की है. चाकन भारत के सबसे बड़े ऑटो निर्माण केंद्रों में से एक है, जहां कई कंपनियों जैसे मर्सिडीज-बेंज, टाटा मोटर्स, और फॉक्सवैगन की गाड़ियां बनती हैं.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि टेस्ला ने नए पदों को भरने के लिए टाटा मोटर्स के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान एलन मस्क से मुलाकात के बाद टेस्ला की भारत में योजनाओं को बढ़ावा मिला है. इससे पहले ब्लूमबर्ग ने बताया था कि टेस्ला भारत में अपनी टीम बढ़ा रही है और हाल ही में कंपनी ने अपने लिंक्डइन पेज पर कार बिक्री के लिए 13 नई भूमिकाओं पर भर्ती के लिए विज्ञापन दिया है. ऐसे में अगर ये दोनों कंपनी में अपने प्लांट लगा देती हैं तो चीन को इससे काफी ज्यादा नुकसान होगा. 

रिटा. लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने इस मुद्दे पर कही ये बात

इस मामले को लेकर रिटा. लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकिवादियों ने चीनी फोन का यूज किया था. इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियां उनकी बात को पकड़ नहीं पाईं. इसके अलावा चीन हमेशा ही पाकिस्तान के लिए खड़ा रहा है. गलवान में जब हमला हुआ तो पाकिस्तान ने कहा था कि वो उधर से भारत पर हमला करें ताकि कश्मीर में भारत को सेना कम करनी पड़े. इसके अलावा चीन की कोशिश इस समय ये है कि वो दुनिया को दिखा सके कि भारत में सुरक्षित माहौल नहीं है. ऐसे में जो इंडस्ट्री उनके यहां से जा रही हैं, वो भारत में ना जाए.”

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