
Michael Rubin Remark On Asim Munir: पूर्व पेंटागन अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने एक सनसनीखेज बयान दिया है. उन्होंने पाकिस्तान की सेना और उसके प्रमुख जनरल असीम मुनीर की आलोचना करते हुए कहा कि वे ओसामा बिन लादेन जैसे ही हैं, बस फर्क इतना है कि वह एक गुफा में छिपा था और दूसरा महल में रहता है. उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 नागरिक मारे गए.
रुबिन ने भारत की समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए यह भी कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को टेररिज्म स्पॉन्सर देश घोषित करना चाहिए और असीम मुनीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए. पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के बारे में ‘lipstick on a pig’ वाक्य का इस्तेमाल किया. उन्होंने इसका प्रयोग करते हुए स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर पर हुए हमले के पीछे ऐसा कोई दिखावा नहीं होना चाहिए ये अचानक हुआ. ये अटैक एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया है. रुबिन ने इस हमले की टाइमिंग की तुलना 2000 में बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान हुए चिट्टिसिंहपुरा नरसंहार से की. उनका मानना है कि यह हमला अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा का ध्यान भटकाने के उद्देश्य से किया गया है.
‘India now needs to cut Pakistan’s Jugular,” says Michael Rubin, former Pentagon official
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— ANI Digital (@ani_digital) April 24, 2025
पहलगाम हमला और पाकिस्तान की संदिग्ध भूमिका
हमला मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को लोकप्रिय बैसरन मैदान में हुआ, जहां पर्यटकों से भरी एक बस को निशाना बनाया गया, इसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई. इस आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया. भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने शुरूआती जांच में संकेत दिया कि इस हमले की योजना सीमापार से बनाई गई थी और इसमें पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों की भूमिका है. इस घटना के बाद, जब शव उनके परिवारों तक पहुंचाए गए और अंतिम संस्कार किया गया तो इसको लेकर देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई.
भारत की सख्त कूटनीतिक प्रतिक्रिया
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक की सबसे कड़ी कूटनीतिक प्रतिक्रिया दी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम घोषणाएं कीं. 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया गया और अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति रद्द कर दी गई और पहले से भारत में मौजूद नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया. इतना ही नहीं, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को भी ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर दिया गया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और रुबिन की मांग
माइकल रुबिन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देता आया है और वैश्विक शांति के लिए खतरा बन गया है. रुबिन ने चेताया कि अगर पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए गए तो यह भविष्य में और भी घातक हमलों को प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियां पाकिस्तान की गतिविधियों को नजरअंदाज करना बंद करें और उचित कार्रवाई करें.
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